एक बार एक मैडम ने एक छोरे कै मार दिया
आगले दिन डाकी आपणी माँ नै लियाया!
उसकी मां उस मैङम तै बोली भाई रोई
तन्नै म्हारे छोरे कै हाथ क्यूकर ला दिया,
जितनी तेरी तनख्वाह है नै,
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उतने के तो मैं गोस्से बेच द्यून् हूँ
- म्हारै भी या इश्क आली बिमारी ना होती
- रेल में पढ़ी जाने वाली किताबें